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अगर भारत की परम्पराओं, रीति रिवाजों तथा संस्कृतियों को जानना है तो इस देश के इतिहास को पढ़ना बहुत जरूरी है। भारत देश का इतिहास बहुत ही प्राचीन एवं बड़ा है इसीलिए इसके अध्ययन के लिए इसे तीन काल खंडो में विभाजित किया गया है। जो कि निम्न है-
ग्रह के लिए उत्तरदायित्व और संरक्षण की भावना को बढ़ावा देने के लिए युवाओं और स्थानीय समुदायों को पर्यावरणीय पहल में शामिल करना।
विश्व इतिहास के प्रसिद्ध लेखक एवं उनकी पुस्तकों की सूची
अरबों ने भारत में अन्य विजित प्रदेशों की तरह धर्म पर आधारित राज्य स्थापित करने का प्रयास नहीं किया। हिन्दुओं को महत्त्व के पदों पर बैठाया गया। इस्लाम धर्म ने हिन्दू धर्म के प्रति सहिष्णुता का प्रदर्शन किया। अरबों की सिंध विजय का आर्थिक क्षेत्र भी प्रभाव पड़ा। अरब से आने वाले व्यापारियों ने पश्चिम समुद्र एवं दक्षिण पूर्वी एशिया में अपने प्रभाव का विस्तार किया। अतः यह स्वाभाविक था कि, भारतीय व्यापारी उस समय की राजनीतिक शक्तियों पर दबाव डालते कि, वे अरब व्यापारियों के प्रति सहानुभूति पूर्ण रुख़ अपनायें। तुर्की आक्रमण
वैदिक सभ्यता में धर्म और ऋत से क्या तात्पर्य था ?
भारत सातवां सबसे बड़ा देश और यहां की सभ्यता प्राचीन सभ्यताओं में से एक है।
उस्मानिया सल्तनत ने जब इस्तांबुल जीतने के लिए समुद्री जहाज़ों को ज़मीन के रास्ते समंदर में लाया
क्या आप जानते हैं भारत के पहले रॉकेट को साइकिल पर लाया गया था।
शाहजहाँ कालीन शासन के हालात एवं अफसरों से संबंधित जानकारी तारीख-ए-शाहजहानी से मिलती है।
तक किये गये। अपने भारतीय आक्रमणों के समय महमूद ने ‘जेहाद’ का नारा दिया, साथ ही अपना ‘बुत शिकन’ रखा। हालांकि इतिहासकार महमूद ग़ज़नवी को मुस्लिम इतिहास में प्रथम सुल्तान मानते हैं, किन्तु सिक्कों पर उसकी उपाधि केवल ‘अमीर महमूद’ मिलती है। महमूद ग़ज़नवी के आक्रमण के समय भारत की दशा
में सुबुक्तगीन ने हिन्दुशाही राजवंश के राजा जयपाल के ख़िलाफ़ एक संघर्ष में भाग लिया, जिसमें जयपाल की पराजय हुई। सुबुक्तगीन के मरने से पूर्व उसके राज्य की सीमायें अफ़ग़ानिस्तान, खुरासान, बल्ख एवं पश्चिमोत्तर भारत तक फैली थी।
44Books का एंड्रोइड एप डाउनलोड करें “ना कहने का साहस रखें। सच्चाई का सामना करने का साहस रखें। सही कार्य करें क्योंकि यह सही है। यह जीवन को सत्यनिष्ठा से जीने की जादुई चाबियां हैं।” – डब्ल्यू क्लेमैन्ट स्टोन
जिसे हम ‘’मेसोपोटामिया की सभ्यता’’ के नाम से जानते हैं. मेसोपोटामिया का मतलब दो नदियों के बीच की भूमि का स्थान. ऐसा नहीं है कि मानव सभ्यता, मेसोपोटामिया की सभ्यता से हीं शुरू हुई read more पर हाँ यह सभ्यता एक विकसित सभ्यता थी. बाकि मानव की आदम सभ्यता का तो अनुमान तक भी लगाना मुश्किल है.